9/11 हमले में सऊदी अरब के दो अफसरों ने पहुंचाई थी मदद, सार्वजनिक हुए गोपनीय दस्तावेज

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आदेश पर जांच एजेंसी एफडीआइ ने 9/11 हमले के कुछ गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया है। दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि हमले में शामिल दो सऊदी मूल के हमलावरों को इस देश के वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी और एक खुफिया एजेंट ने पूरी मदद की थी। यही नहीं इन दोनों हमलावरों को रसद पहुंचाई गई थी। एफबीआइ की जांच में इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि साजिश में सऊदी अरब सरकार शामिल थी।

दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि हमले में शामिल दो सऊदी मूल के हमलावरों को इस देश के वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी और एक खुफिया एजेंट ने पूरी मदद की थी। यही नहीं इन दोनों हमलावरों को रसद पहुंचाई गई थी।

दस्तावेज में सऊदी अफसरों के संबंध होने की जांच का विवरण दिया गया है। हमले की बीसवीं बरसी के कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के भाग लेने के कुछ घंटों बाद इनको सार्वजनिक किया गया है। ये दस्तावेज 16 पेज में हैं। 2001 में न्यूयार्क में हुए इस हमले में 3000 लोग मारे गए थे। हमले के पीडि़त लंबे समय से जांच के गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए अमेरिकी सरकार पर दबाव बना रहे थे। ये पीडि़त न्यूयार्क की अदालत में एक मुकदमा लड़ रहे हैं।

इनका आरोप है कि हमले में सऊदी अरब का हाथ है। कुछ ही दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि कुछ विशेष गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाएगा। सऊदी अरब की सरकार पहले ही कह चुकी है कि हमले में उसका कोई हाथ नहीं है। वाशिंगटन स्थित सऊदी दूतावास ने बुधवार को कहा था कि वे सभी गोपनीय दस्तावेजों के सार्वजनिक करने की मांग करते हैं, जिससे बेबुनियाद आरोप लगना बंद हो। 9/11 के हमले में शामिल 19 हमलावरों में से 15 सऊदी अरब के थे।

इस हमले का मास्टर माइंड अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन भी सऊदी मूल का था। अमेरिका की जांच एजेंसी ने इन हमलावरों में से दो नवाफ अल हजमी और खालिद अल मिहधर से सऊदी अफसरों के संबंधों की जांच की थी

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