राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। वर्ष 2024 में परिवर्तन के लिए काम करते रहेंगे। उनका यह बयान उनके भतीजे अजीत पवार से हो रही लगातार उनकी मुलाकातों से फैले भ्रम के परिप्रेक्ष्य में महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। बुधवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने सातारा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो कांग्रेस के साथ रहना चाहता है, वह रहेगा। जो नहीं रहना चाहता, वो भाजपा के साथ जाने के लिए स्वतंत्र है। राजनीतिक क्षेत्र में ये चर्चा भी होने लगी है कि कांग्रेस एवं शिवसेना उद्धव गुट प्लान बी के तहत राकांपा के बिना भी गठबंधन कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इन अफवाहों को विराम देते हुए शरद पवार ने औरंगाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्लान बी नहीं चल रहा है। 2024 में परिवर्तन जरूरी है और हम सब मिलकर उसी की तैयारी कर रहे हैं। अपने भतीजे अजीत पवार के साथ पुणे में हुई हाल की मुलाकात पर उन्होंने एक बार फिर कहा कि मैं अपने परिवार का मुखिया हूं। यदि परिवार में कोई समारोह होता है तो मुझसे पूछा जाना स्वाभाविक है।
मोदी सरकार मणिपुर की घटनाओं को मूक दर्शक बनकर देख रही है। पूर्वोत्तर का क्षेत्र महत्त्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। चीन से सटे इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। पूर्वोत्तर में हो रही घटनाएं देश के लिए खतरनाक हो सकती हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर मानसून सत्र के शुरुआत से पहले सिर्फ तीन मिनट का वीडियो मैसेज दिया और फिर अविश्वास प्रस्ताव का उत्तर देते हुए बहुत संक्षेप में इस विषय पर बोले। जबकि, मोदी को पूर्वोत्तर जाकर वहां के लोगों में भरसा जगाना चाहिए। लेकिन, इसके बजाय वह मध्य प्रदेश में चुनावी रैलियां करने को प्राथमिकता देते हैं शरद पवार ने प्रधानमंत्री के 15 अगस्त को लालकिले के संबोधन को लेकर भी तंज कसा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भरोसा दिलाया था कि अगले साल भी वह ही लालकिले से तिरंगा फहराएंगे। पवार ने इस पर महाराष्ट्र के भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के एक भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले फडणवीस ने भी पुन आने का वायदा किया था। लेकिन वह एक सीढ़ी नीचे उतर कर आए। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी भी अगले 15 अगस्त पर लालकिले से झंडा फहराने की बात कर रहे हैं। वह न जाने किस रूप में झंडा फहराएंगे।
राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि पुणे के एक कारोबारी के घर पर शरद पवार और अजीत पवार के बीच हुई मुलाकात में क्या हुआ। कहा कि वह बैठक में मौजूद नहीं थीं। अतीत पवार के रुख के बारे में बोलते हुए सुले ने कहा कि मतभेद होते रहते हैं। इसे स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार में व्यक्तिगत संबंध एक तरफ हैं और राजनीतिक राय दूसरी तरफ। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की पेशकश की मीडिया रिपोर्टों के बीच कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि राकांपा सुप्रीमो ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह आइएनडीआइए गठबंधन के साथ बने रहेंगे। पटोले ने कहा कि मुझे उन पर पूरी तरह भरोसा है कि वह विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के साथ जाएंगे। वह साथ नहीं छोड़ेंगे।