अडानी समूह के 12 निवेशकों ने सेबी के नियमों का किया उल्लंघन

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अडानी समूह की खामियों को उजागर किया है। सेबी का कहना है कि अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाले 12  विदेशी फंड्स (ऑफशोर फंड) ने उसके डिस्क्लोजर नियमों का उल्लंघन किया और निवेश की सीमा से ज्यादा निवेश किया था।

निवेशकों को भेजा गया था नोटिस
रिपोर्ट में रॉयटर्स के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस साल की शुरुआत में अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले एक दर्जन ऑफशोर निवेशकों को नियमों के उल्लंघन के आरोप पर नोटिस भेजा गया था, साथ ही उनसे डिस्क्लोजर नियम और निवेश सीमा के उल्लंघन पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि ये ऑफशोर फंड व्यक्तिगत स्तर पर अडानी समूह की कंपनियों में अपने निवेश की रिपोर्ट कर रहे थे। जबकि सेबी चाहता था कि इसका खुलासा ऑफशोर फंड ग्रुप लेवल पर हो।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 12 में से आठ ऑफशोर फंड्स ने दोष स्वीकार किए बिना जुर्माना देकर आरोपों का निपटारा करने के लिए सेबी से संपर्क किया है।

सेबी ने की थी 13 मामलों की जांच
अगस्त 2023 में रॉयटर्स ने रिपोर्ट दी थी कि सेबी ने अडानी समूह द्वारा कुछ संबंधित-पार्टी लेनदेन का खुलासा करने में उल्लंघन पाया था। सेबी ने अडानी मामले में संबंधित-पक्ष लेनदेन के 13 मामलों की जांच की है। रॉयटर्स का कहना है कि इस उल्लंघन के परिणामस्वरूप प्रत्येक इकाई द्वारा प्रत्येक उल्लंघन के लिए एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा इन पर शेयर बाजार में भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। 24 जनवरी, 2023 को अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और एकाउंटिंग धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। तब से सेबी इन आरोपों की जांच कर रही है।

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