वक्फ संशोधन विधेयक ( Waqf Amendment Bill) पर संसदीय पैनल के सभी विपक्षी सदस्यों को शुक्रवार को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। इस दौरान लगातार विरोध प्रदर्शन और अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप लगे। निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नसीर हुसैन, मोहिबुल्लाह, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम-उल हक, इमरान मसूद शामिल हैं।
निशिकांत दुबे ने पेश किया निलंबन का प्रस्ताव
भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया। भाजपा सदस्य अपराजिता सारंगी ने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों का आचरण “घृणित” था, क्योंकि वे बैठक के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे और पाल के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।
हंगामे के साथ शुरू हुई बैठक
संसदीय समिति की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि उन्हें मसौदा कानून में प्रस्तावित बदलावों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है। कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की, जो विपक्षी नेताओं द्वारा यह दावा करने के साथ ही तूफ़ानी हो गई कि भाजपा दिल्ली चुनावों को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है।
#WATCH | On JPC meeting on Waqf Amendment Bill 2024, BJP MP Nishikant Dubey says, " It is the thinking of the people belonging to the Opposition, especially Owaisi sahib that we have not heard the complete representation from Jammu & Kashmir and called Mirwaiz Umar Farooq. Only… pic.twitter.com/zDaxSqF2h3
— ANI (@ANI) January 24, 2025
समिति की कार्यवाही तमाशा बनी – कल्याण बनर्जी
बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी। मीरवाइज के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल समिति के दोबारा बैठक में शामिल होने के बाद उसके समक्ष पेश हुआ। तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस सदस्य नसीर हुसैन बैठक से बाहर निकल गए और संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही एक “तमाशा” बन गई है। उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों की खंड-दर-खंड जांच के लिए 27 जनवरी को निर्धारित बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
#WATCH| Delhi | TMC MP & member of JPC on Waqf Amendment Bill 2024, Kalyan Banerjee says, "It is like an undeclared emergency going on in the meeting…Chairman is proceeding with this (meeting) and he doesn't listen to anyone…They (BJP MPs) think that they are deputy PM and… pic.twitter.com/hAc5MDhHsd
— ANI (@ANI) January 24, 2025