सिरमौर जिले के छोटे से गांव बेहडेवाली के तजेंद्र चौहान ने संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा में सफलता हासिल कर भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट का पद प्राप्त किया है। इस सफलता से न केवल उनका परिवार गर्व महसूस कर रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए यह प्रेरणा का स्रोत बन गया है। 12 साल की उम्र में अपनी माता रेखा देवी को करंट लगने से खोने वाले तजेंद्र ने कभी भी अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया। उनके पिता अतर सिंह और दिवंगत मां का सपना था कि उनका बेटा देशसेवा में अपना नाम रोशन करे और तजेंद्र ने इस सपने को पूरा करने के लिए कठिन मेहनत की।
तजेंद्र चौहान ने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई हिम पब्लिक उच्च विद्यालय सतौन से की तथा 12वीं कक्षा की पढ़ाई पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सतौन से पूरी की जबकि ग्रैजुएशन की पढ़ाई प्राइवेट तरीके से की। सीमित संसाधनों के बावजूद तेजेंद्र ने कभी अपने लक्ष्य से मुंह नहीं मोड़ा। सीडीएस की तैयारी के लिए उन्होंने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया और घर पर ही अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की।
तजेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी छोटी मां रीना चौहान को दिया, जिन्होंने उनकी परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनका कहना है कि मेरी सफलता का सबसे बड़ा कारण मेरे माता-पिता और गुरुजन हैं, जिनसे मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती रही।
तेजेंद्र की यह सफर हर उस युवा के लिए एक प्रेरणा है, जो यह मानते है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो और सही दिशा में मेहनत की जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। तेजेंद्र के संघर्ष और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता प्राप्त की जा सकती है।