बिना कुछ शेयर किए दिन भर सोशल मीडिया पर स्क्रॉलिंग करना भी आपको कर रहा है अकेला, समझिए कैसे

0
13

नारी डेस्क: आज कल के दौर में सोशल मीडिया लोगों के जीवन का अहम हिस् बन गया है। कुछ लोग दिन भर बस सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ अपलोड करते रहते हैं। हाल ही एक शोध में पता चला है कि सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने वाले अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं जो लोग इस पर सक्रिय नहीं है वह भी कई समस्याओको झेल रहे हैं

बढ रही है अकेलेपन की महामारी

शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार, निष्क्रिय और सक्रिय दोनों तरह के सोशल मीडिया इस्तेमाल को समय के साथ अकेलेपन की बढ़ती भावनाओं से जोड़ा गया है। टीम ने जांच की कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल समय के साथ अकेलेपन को कैसे प्रभावित करता है], बैलर यूनिवर्सिटी द्वारा पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी बुलेटिन जर्नल में प्रकाशित, आंखें खोलने वाला शोध बताता है कि हमें एक साथ लाने के लिए डिज़ाइन किए गए वही प्लेटफ़ॉर्म “अकेलेपन की महामारी” में योगदान करते हैं। जबकि निष्क्रिय सोशल मीडिया का उपयोग – जैसे बिना बातचीत के स्क्रॉल करना – अकेलेपन को बढ़ाता है, सक्रिय उपयोग, जिसमें पोस्ट करना और दूसरों से जुड़ना शामिल है, भी अकेलेपन की बढ़ती भावनाओं से जुड़ा था।

मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव

इन परिणामों से पता चलता है कि डिजिटल इंटरैक्शन की गुणवत्ता उन सामाजिक जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती है जो आमने-सामने संचार में पूरी होती हैं।प्राथ मिक अन्वेषक जेम्स ए रॉबर्ट्स ने कहा-“यह शोध मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव की जटिलता को रेखांकित करता है।” हालांकि सोशल मीडिया ऑनलाइन समुदायों तक अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापक उपयोग – चाहे सक्रिय हो या निष्क्रिय – अकेलेपन की भावनाओं को कम नहीं करता है और वास्तव में, उन्हें तीव्र कर सकता है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here