सोलन पुलिस ने 85 लाख रुपए की बीमा राशि हड़पने की साजिश में जिंदा महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने वाले पति सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में नगर निगम के श्मशानघाट कर्मचारी को भी पकड़ा गया है।
जानकारी के 6 फरवरी, 2025 को नगर निगम सोलन के जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार बिमला वर्मा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 7 जनवरी, 2025 को मोनिका गोयल पत्नी विशाल गोयल के नाम से डैथ रिपोर्ट जमा कराई गई थी। इस पर सुरेश शर्मा, गगन और नगर निगम कर्मचारी धर्मपाल के हस्ताक्षर थे। 14 जनवरी को इसे रजिस्टर किया गया और 15 जनवरी को विशाल गोयल को पत्नी के मृत्यु प्रमाण पत्र की 5 प्रतियां जारी कर दी गईं।
1 फरवरी 2025 को खुद मोनिका गोयल का एक पत्र आया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह जिंदा है और किसी ने श्मशानघाट में फर्जी अंतिम संस्कार दिखाकर उनकी मौत का प्रमाण पत्र बनवा लिया है। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो इसका मास्टरमाइंड उक्त महिला का पति विशाल निकला। विशाल फरार हो गया था और उसने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने विशाल गोयल को 14 मार्च को जीरकपुर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में श्मशानघाट कर्मचारी धर्मपाल और सुरेश शर्मा की संलिप्तता भी सामने आई, जिन्हें पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि विशाल गोयल की पत्नी मोनिका के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फाइनांस में 85 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी थी। विशाल को पैसों की जरूरत थी और उसने सोलन में आसानी से फर्जी डैथ सर्टिफिकेट बनवाने की जानकारी मिलने पर सुरेश शर्मा से संपर्क किया। सुरेश ने कमीशन लेकर मोनिका के पुराने आधार और राशन कार्ड के आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवा दिए। यह दस्तावेज धर्मपाल द्वारा ही नगर निगम कार्यालय में जन्म मृत्यु शाखा में जमा करवाए गए थे।