- दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में चांद बाग और जफराबाद हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल की
- चांद बाग हिंसा मामले में ताहिर के भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है
- 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हिंसा हुई थी, इसमें 50 से ज्यादा लोगों की जान गई थी
सीएन 24
नई दिल्ली. इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल की। पहला केस चांद बाग हिंसा और दूसरा मामला जाफराबाद दंगे से जुड़ा है। पुलिस ने चांद बाग हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया है।
इसमें ताहिर के अलावा उनके भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा के वक्त ताहिर हुसैन अपने घऱ की छत पर था और उसने ही हिंसा भड़काने का काम किया था।
ताहिर के भाई शाह आलम को भी आरोपी बनाया
ताहिर की लाइसेंसी पिस्टल, जिसका उसने दंगे के वक्त इस्तेमाल किया था, उसे जांच के दौरान पुलिस ने जब्त किया था। पुलिस के मुताबिक हुसैन ने दंगे से ठीक एक दिन पहले खजूरी खास पुलिस स्टेशन में जमा अपनी पिस्टल निकलवाई थी।
हिंसा से पहले ताहिर ने प्रदर्शनकारियों से बात की थी: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा से पहले ताहिर हुसैन ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल लोगों से बातचीत की थी। इसमें जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद भी शामिल था।
जाफराबाद हिंसा में ‘पिंजरा तोड़’ ग्रुप की दो महिला कार्यकर्ता शामिल
वहीं, क्राइम ब्रांच ने दूसरी चार्जशीट जाफराबाद में हुई हिंसा के मामले में दाखिल की। इसमें ‘पिंजरा तोड़’ ग्रुप की दो महिला सदस्यों के शामिल होने की बात सामने आई है। एक नताशा नरवाल और दूसरी देवांगना कलिता है। यह मामला 22 फरवरी को हुई हत्या और दंगे के लिए दर्ज किया गया था। दंगे के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई थी।
दोनों महिला कार्यकर्ताओं के तार उमर खालिद से जुड़े
पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि नताशा और देवांगना दोनों दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास दंगे की साजिश में शामिल थे। ये दोनों बड़ी साजिश का हिस्सा थे और ‘इंडिया अंग्रेस्ट हेट’ ग्रुप और उमर खालिद से जुड़े पाए गए। पिंजरा तोड़ ग्रुप की महिलाओं को आरोपी बनाने के लिए अलग से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
इसी साल 24 फरवरी को उत्तरपूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हिंसा हुई थी। इसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत, जबकि करीब 250 लोग घायल हुए थे।